सुनीता
प्रभारी, डाँगरोल गाँव
सुनीता अकसर चुप रहती हैं लेकिन उनके अंदर एक चिराग है, तब से जब यह छोटी थीं और उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी ताकि उनके भाई पढ़ सकें। लेकिन अब उनके अंदर एक आग है जिससे वो सब को अपने साथ जोड़ती हैं चाहे वो स्वास्थ्य अभियान हो या गाँव को आगे ले जाने के काम।