शुभ्रा चतुर्वेदी
निर्देशक
शुभ्रा एक आर्टिस्ट यानि कलाकार हैं और उनके काम में अकसर सामाजिक हिंसा पर टिप्पणी देखने को मिलती है। शुभ्रा ने आर्ट सीखी नहीं है, वह एक जुनून के तरह उनमें पनपती गई और एक दिन आर्ट ने उन्हें अपनी ओर खींच कर उनकी एच.आर. मैनेजर वाली नौकरी के पथ से उतार दी।। इनसे बेहतर कौन समझे जुनून की लहर मे बह कर अपना जीवन बिताना। इसलिए यह सरफ़रोशियों के लिए एक बहुत ही ज़रूरी आईना हैं। वह संस्था को बुनियादी उसूलों पर चलने का प्रोत्साहन भी देती हैं और सामाजिक हिंसा पर अध्ययन करने के नाते संस्था को ज़रूरी सुझाव भी देती रहती हैं।