समीरा आईंगार
सलाहकार
समीरा नाटक और अभिनेत्रियों की दुनिया में बसी हुई हैं। साथ ही वो दुनिया जिसमें हमारे कलाकार और कहानीकार लोगों को सामाजिक तत्व सिखाने का काम करते थे। कहाँ गई वो बोल-चाल की दुनिया? कहाँ गई हमारी लोक कथाएँ और उनके फनकार? समीरा बताती हैं की आखिर सामाजिक बदलाव का रास्ता गान से शुरू हो कर ज्ञान तक पहुंचता है। समीरा समाज और कला के कई संस्थाओं से जुड़ी हैं। हाल ही में वह मुंबई में स्थित सामाजिक संस्था जुनून की निर्देशक थीं। यही तजुर्बे के रहते समीरा सरफ़रोशी की दुनिया पर भी रौशनी डाल रही हैं और हम इसका खूब फायदा उठाते हैं। जब समीरा दुनिया के इन बड़े और गंभीर सवालों से नहीं जूझ रही हो, तो वह अपने सबसे करीब जंतुओं – यानि उनकी बिल्ली और कुत्ते के फ़ोटोज़ ले कर उनकी दुनिया फेसबुक पर पेश करती रहती हैं।