कविता

प्रभारी, हुरमंजपुर गाँव

कविता बोलती कम हैं लेकिन करती बहुत कुछ। उनसे अत्याचार सहा नहीं जाता खास कर के औरतों पर होते जुर्म। जुर्म के खिलाफ काम करना और औरतों को सुरक्षित रखने के लिए कविता कुछ भी करने को तैयार हैं।